मोर गाँव के तीर बोहाथे भईया
जोंक नदी के पानी ... 2
लाखों जीव के प्यास बुझाथे ..2
देके अमृत पानी ....
मोर गाँव के .........
माता असन हमला संगी
कोरा मा खेलाथे गा ... 2
बघुवा बरोबर नांदत चलथे
ऐकर जवानी आथे गा .... 2
मगन होके गावत रइथे...... 2
आथे बरखा रानी ......
मोर गाँव के ..............
मोर गाँव के एक छोड़
नईये कोनो साधन जी ...2
अपन सब निस्तारी ला हम
इही मा निपटाथन जी ...2
परसादे येकरे बितायेन ...2
खुशी मा जिनगानी ......
मोर गाँव के ........
पानी सबके जीवन संगी
झन करव मैला गोबर जी ...2
छोटे बड़े ऊंच नीच
ये देखे एके बरोबर जी ....2
सुमत के ये बात बताथे ....2
देके बिन बोले मीठ बानी ....
मोर गाँव के ......
- छेदूराम चन्द्रवंशी
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