मेरे
विचार -
(1)
मैं हर एक बात पे कोई बात लिखना नहीं चाहता !
चाहत बस इतनी-सी है कि बातों ही बातों में,
मैं अपनी बात लोगों तक पहुंचा सकूँ ।
(2)
बातें भली ही छोटी हों,
लेकिन उसके पीछे की सोंच... बड़ी होनी चाहिए ।
(3)
कोई सीख देता है तो कोई सीखा देता है । दुनिया की हर एक चीज़ कुछ न कुछ ज़रूर
सिखाती है । ये आपके ऊपर है कि आप क्या सीखते हो ।
(4)
'सोंच' और 'सोंचने
वाला' दोनो ही अच्छे-बुरे हो
सकते हैं ।
(5)
अग़र कहीं लगे कि हमें किसी के सहारे की ज़रूरत नहीं है,
तो हमें ये करना चाहिए...कि हम किसी दूसरे का सहारा बनें ।
(6)
मेरे लिए ये बात मायने नहीं रखती... कि
मैं दूसरों की नज़र में कैसा हूँ... ??
बात...ये मायने रखती है... कि
मैं, अपनी नज़र में कैसा हूँ
!!
(7)
शख्शियत लेने की नहीं, देने
की बनानी चाहिए ।
(8)
कोई कुछ करे या ना करे, कुछ
ना कुछ ज़रूर बन जाता है ।
(9)
सोंचने के लिए तो कोई भी, कभी
भी, कुछ भी सोंच लेता है ।
पर अच्छी सोंच हर किसी के सोंच में नहीं आती ।
(10)
सोंच ऐसी होनी चाहिए, जो
दूसरों को सोंचने पे मज़बूर करे ।
(11)
दूसरों की सोंच से एक नयी सोंच... सोंच लेना । अपने आप में ही एक अच्छी
सोंच है ।
(12)
हमें छोटी छोटी बातों में ज्यादा बातें कहने चाहिए ना कि छोटी छोटी बातों
के लिए ज्यादा बातें ।
(13)
इस दुनिया में...कई लोग ऐसे होते हैं, जो
आपसे बेहतर होते हैं । ...और कई लोग ऐसे होते हैं जिनसे आप बेहतर होते हैं ।
(14)
जब तक आप किसी के बारे में अच्छा नहीं सोंचोगे, तब तक आप भी ये मत सोंचिये कि वो भी आपके
बारे में अच्छा ही सोंचेगा ।
(15)
हर काम अच्छा या बुरा हो सकता है । ये तो कहने वाले की सोंच है, कि किस काम को क्या कहेगा ।
(16)
जलन होनी चाहिये ये ज़रूरी भी है । लेकिन जलन दूसरों के प्रति नहीं, दूसरों के किये अच्छे कार्य के प्रति ।
ताकि आप भी कुछ अच्छा कर सकें ।
(17)
I think अच्छा
होना अच्छी बात है और बुरा होना बुरी । पर कभी कभी ये भी लगता है कि अच्छा होना
बुरी बात है और बुरा होना अच्छी ।
(18)
जब तक आप अपना Talent दूसरों
को दिखाओगे नहीं, तब
तक कोई भी आपको Talented समझेगा
ही नहीं ।
(19)
दोस्त तो दोस्त होते है चाहे अच्छे हों या बुरे । ये तो अपनी सोंच पर
निर्भर करता है, कि
वह दोस्त कैसा है ?
(20)
इंसान धन से धनवान हो या ना हो, किन्तु
मन से धनवान होना चाहिए ।
(21)
लोग success पाने
के लिए success story पढ़ते
हैं, failure story नहीं
। जबकि आपको चाहिए कि आप दोनों पढें ।
(22)
वास्तविकता (Reality) हर
किसी को अच्छी नहीं लगती ।
हाँ.. कल्पना (imagination) सबको
अच्छी लग सकती है ।
(23)
मुस्कानें...झूठी हो या सच्ची हमेशा अच्छी लगती हैं….
उनके चेहरे पर, जो
हमें अच्छे लगते हैं ।
(24)
अगर हम कुछ कहते हैं किसी बारे में,
तो वही बात हम हर परिस्थिति और समय में नहीं कह सकते ।
(25)
कितनों को आप follow करोगे..? कुछ ऐसा करो कि लोग आपको follow करें ।
(26)
मरने के लिए तो कई बहाने मिल जाएंगे,
अच्छा ये हो कि ज़िन्दगी जीने के बहाने ढूंढे जायें ।
(27)
अगर कोई व्यक्ति आपके expectations के
according कुछ
करे, तो आप ख़ुश हो जाते हो
।
(28)
हम
कभी-कभी अपने आप को बहुत ज्यादा ही अकेला और तन्हा महसूस करते हैं ।
जबकि सोंचे तो हम कभी भी अकेले नहीं होते, कोई
ना कोई हमारे साथ होता ही है हमेशा ।
(29)
दूसरे का गुस्सा किसी तीसरे पे निकालना अच्छी बात नहीं ।
(30)
अगर मैं किसी को पढ़ने लिखने के लिये सलाह दूँ, और वो कहे की इनमें से कोई एक बताओ । तो
मैं कहूँगा कि तुम पढ़ लो । क्योंकि लिखने से लिखावट सुधरेगी और पढ़ने से विचार
बदलेंगे ।
(31)
हमें दूसरों की गलतियाँ देखने से पहले स्वयं की गलतियाँ देखनी चाहिऐ , कि हमनें कब, कहाँ
और क्या गलती की या कर रहे हैं ।
(32)
दर्द पे काबू पाने के ये तरीके हो सकते हैं - या तो दर्द को भूल जाओ या
दर्द देने वाले को ।
(33)
I think अच्छा
होना अच्छी बात है और बुरा होना बुरी । पर कभी कभी ये भी लगता है कि अच्छा होना
बुरी बात है और बुरा होना अच्छी ।
(34)
Doubts and Confusion ऐसे
दो शब्द हैं, जो किसी भी रिश्ते में
दरार डालने के लिए काफ़ी हैं । इन्हें जितनी जल्दी हो सके clear कर लेनी चाहिए ।
(35)
अपनी लाचारी पे दुख तो होता ही है, पर
दुख बहुत ज्यादा तब हो जाता है जब अपनी लाचारी पे लोग ताना कसते हैं ।
(36)
अगर आप चाहते हैं कि आप successful person बनें, तो आपको चाहिए कि आप स्वयं पर ध्यान दें ।
ये ना देखें कि कौन क्या कर रहा है ? ये
देखें कि मैं (स्वयं) क्या कर रहा हूँ successful
person बनने के लिए ।
(37)
उम्मीद की वो बेबाक़ किरणें.. जो मन को ऊर्जा से प्रकाशित कर देते हैं, हमें उन्हें ढूँढने चाहिए !
जो छुपे हैं... हमारे अन्दर ही कहीं ।
(38)
हमें कभी-कभी खुद का भी मज़ाक लेना चाहिए, इससे
पहले की दूसरे आपका मज़ाक बना दें !
(39)
Self Discipline
कमाल
होती है।
Discipline
दूसरे कराना चाहे तो मज़बूरी लगती है,
अगर हम खुद के लिए करें तो एक जुनून सा लगता है ।
(40)
सभी प्रशंसा चाहते हैं, सम्मान
चाहते हैं ।
कोई ये नहीं चाहता कि उनकी आलोचना हो, अपमान
हो । और ये सब उनके किये कार्य के अनुरूप ही मिलते हैं ।
(41)
गलती करने वाले ज्यादा डरते हैं...गलती ना करने वाले कम डरते हैं...
और जो गलती करके मान भी ले....
वो तो डरते ही नहीं हैं भाई
मेरे !
(42)
"चाहत
कभी खत्म नहीं होती, बस
रूप बदलती रहती है ।"
(43)
ये बात मायने नहीं रखती कि आप कितनों को जानते हैं ?
बल्कि ये बात मायने रखती है कि
आपको कितने जानते हैं ?
(44)
"Feelings" बदलते
देर नहीं लगती ।
और इस changes को
trigger करता
है, हमारी thinking.
(45)
समझदार बनो - सिर्फ
समझने के लिए नहीं...
समझाने के लिए भी !
(46)
अग़र किसी को ग़म है,
तो वो हर किसी को नहीं कहता कि उसे ग़म है ।
लेकिन जब वह खुश है,
तो वह सारे शहर में ढिंढोरा पीटेगा, कि वह खुश क्यों है ?!!
(47)
खामोशियाँ... अक्सर
ही कुछ कहती हैं !
(48)
"नज़र बदलने की ज़रूरत नहीं
है...
सिर्फ़ नज़रिया बदलो यारों !!"
(49)
ज़िन्दगी के कांटे चुभते ही रहते हैं, निकालना
सीखिये..!!
क्योंकि...फूलों से ज्यादा काँटे, मिलते
ही रहते हैं ज़िन्दगी
में..!!
(50)
कभी
किसी के लिए, बुरा हूँ, कभी किसी के लिए अच्छा हूँ ।
दुनिया वाले कुछ भी सोंचे, मैं
अपने-आप में सच्चा हूँ ।
(51)
जब
तक आप किसी के Feelings से Connect नहीं होते,
तब तक आप कभी Experience नहीं कर पायेंगे
कि सामने वाले की
Feelings क्या हैं ?
(52)
हर किसी के लिए एक
जैसी feelings नहीं
हो सकती,
और ना ही, हर
feelings के
लिए एक ही व्यक्ति ।
(53)
पता नहीं ऐसा क्यूँ होता है...?
बस
बोल दो कि तुम पागल हो…. फिर
देखो
वो पागल हो या ना हो, पागलपन
ज़रूर दिखायेगा ।
(54)
कुछ
लोग तो ऐसे होते हैं -
'भले ही उन्हें कुछ
करना ना आये,
लेकिन वो ऐसे जताएंगे, जैसे
सब जानते हैं ।'
(55)
इतना तो अच्छे से समझ आ गया है मुझे,
अग़र मैं...उससे बहुत कम हूँ,
तो उसकी नज़रों में मैं कुछ भी नहीं ।
अग़र मैं...उससे बहुत ज्यादा हूँ,
तो उसकी नज़रों में मेरी
इज़्ज़त बढ़ जाती है ।
(56)
मैं
शायर तो था ही, पर मेरे पास... कोई शायरी ना थी ।
फिर........तुम आयी मेरी जिंदगी
में..!!
(57)
गलती
मोर निकल जाये, अइसन मैंय करंव नहीं ।
गलती जब नई हे मोर, तो
कखरो बाप ले डरंव नहीं ।।
(58)
मछरी
बहुते झोलाय हे, अऊ
झोल मत,
तोला जतिक नई हे पता, तो
जादा बोल मत ।
(59)
भैंसा
कस मोला हुमेल दिस,
पनबुड़ी चिरई कस चिभोर दिस ।
का बिगाड़े रेहेंव भगवान के, मे
नई जानों
जेन माड़ी भर पानी ते नदिया म,
मुड़ भरसा मोला ढकेल दिस ।
(60)
मुझे
यक़ीन है,
एक दिन मेरे विचार,
किसी को प्रेरित करेंगे ।
कविताएँ, चुटकुले, संवाद,
या हो कोई बेहतरीन शायरियाँ,
एक से दो, दो
से चार संप्रेषित करेंगे ।
😎😎😎
मोला लागथे कि अइसन होही,
मोर लिखे धनिया रूपी रचना ला,
कोनो अऊ बोही ।
😂😜😂
- नवनीत चन्द्रवंशी 'नव'
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