chhatisghariya
Wednesday, 24 August 2022
Monday, 22 August 2022
मेरे विचार चित्र _ नवनीत चंद्रवंशी
मेरे विचार _ नवनीत चंद्रवंशी
Saturday, 20 August 2022
सोंच _ एक विचार - नवनीत चंद्रवंशी
सोंच_एक विचार - नवनीत चंद्रवंशी
Friday, 19 August 2022
माँ_बाप / नवनीत चंद्रवंशी
चले आबे चले आबे / बालकुमार पटेल
सोंच _एक विचार / नवनीत चंद्रवंशी
ना जाने क्यूँ उदास हूँ / नवनीत चंद्रवंशी
सपना रे सपना रे सपना / बालकुमार पटेल
मोर गाँव के तीर बोहाथे / छेदूराम चंद्रवंशी
झूमर जा रे झूमर जा रे /। उदेलाल चंद्रवंशी
मन मोर झूमे रे / नवनीत चंद्रवंशी
मोला बनाये दीवाना रे / बालकुमार पटेल
मैंय गवईया तोर गीत के - नवनीत चन्द्रवंशी
मैंय गवईया तोर गीत के गोरी,
तैंय तो बसे हा संगीत रे ।
तोरे ले हावे हार-जीत रे संगी,
तहीं तो हावस मोर मीत रे ।।
जबले तैंय सपना म आये मोर रानी,
तबले सोंचेव मैंय बनाहूँ दीवानी ।
बिन तोर मोला संगी कोनो ना भावय,
मन मोर बस तोर गीत गुनगुनावय ।
तोरे बर मया अऊ पिरीत रे गोरी ।
तहीं तो हावस मोर मीत रे ।।
मैंय गवईया.........
बइठे रहिथों संगी मैंहा तोरे अगोरा,
कब आबे जिनगी म करथंव निहोरा ।
तोर बिना जिनगी हावे मोरे अधूरा,
आजा तैंय आजा येला करदे ना पूरा ।
तोला पुकारय 'नवनीत' रे गोरी ।
तहीं तो हावस मोर मीत रे ।।
मैंय गवईया.........
- नवनीत चन्द्रवंशी 'नव'
मैंय छत्तीसगढ़िया आंव - नवनीत चन्द्रवंशी
मैंय छत्तीसगढ़िया आंव !
सबले ना सही,
कोनो ले तो बढ़िया आंव ।
मैंय छत्तीसगढ़िया आंव !
सहीं-सहीं बतावंव मैंय तोला,
नवनीत चन्द्रवंशी कइथें मोला ।
दाई-ददा मन धरे हें येला,
बड़ सुग्घर मोर नांव ।
मैंय छत्तीसगढ़िया आंव !
अलवा-जलवा गवइया,
चटनी बासी खवईया ।
परकोम के रहवइया,
नदिया तीर मोर गाँव ।
मैंय छत्तीसगढ़िया आंव !
खेती करंव, हरंव किसान,
संग म कम्पुटर सरबिस दुकान ।
पइसा बर मैंय नई हलाकान,
कऊँवा जस करंव नहीं कांव ।
मैंय छत्तीसगढ़िया आंव !
कखरो बर मैंय नई जरंव,
दूसर करंय, मैंय नई करंव ।
गवइंहा मैंय आदमी हरंव,
गाँव के संगवारी तांव ।
मैंय छत्तीसगढ़िया आंव !
सबले ना सही,
कोनो ले तो बढ़िया आंव ।
मैंय छत्तीसगढ़िया आंव !
_ नवनीत चन्द्रवंशी 'नव'
Thursday, 18 August 2022
Tuesday, 9 August 2022
छत्तीसगढ़िया, मैंय छत्तीसगढ़िया / नवनीत चंद्रवंशी
| छत्तीसगढ़िया, मैंय छत्तीसगढ़िया | छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया |
आप जम्मो संगवारी मन ला जय जोहार ! हमर सबो छत्तीसगढ़िया मन बर, जेन हा छत्तीसगढ़ म रईथे छत्तीसगढ़ी बोली - भाखा म गोठ-बात करथें, जानथें, समझथें अऊ समझाथें ओखर मन बर ये वेबसाइट आय ! अऊ जेन हा छत्तीसगढ़ म रईके भी छत्तीसगढ़ी गोठियाय ला नई जानय नई तो अइसना कहन कि जेन ला गोठियाहे म लाज लागथे उखरो मन बर घलो ई वेबसाइट हर हरे, काबर उक्खर लजाई दूर करना हे ना ! ये वेबसाइट ला बनाये के मोर उद्देश्य हे कि मोर छत्तीसढ़ी भाखा ला आगे बढ़ाना हे, एखर प्रति रूचि जागृत करना हे ! काबर कि हमर देश में जम्मो राज्य मन के अलग-अलग बोली-भाखा आय, अऊ ऊंहा के रह्वईया मन अपन बोली-भाखा मा गोठियाहे बर नई लजावयं, फेर हमर छत्तीसगढ़िया भैया-बहिनी मन ला देखव गा हमर छत्तीसगढ़ के छत्तीसगढ़ी बोली-भाखा गोठीयाये बर लजाथें/ शर्मिंदा महसूस करथें कि कोई हमला देहाती झन बोलय कहिके ! काबर कि ये मन शहर म रईथें ! बस गाँव के मन हा अभी तक हमर बोली-भाखा ला बचाके रखे हें जी, फेर वोहू मन कब तक बचाके रख पाहीं, ओखरो लईका मन पढ़थें -लिखथें, शहर जाथें अऊ शहरी कस बन जाथें ! गाँव में भी छत्तीसगढ़ी गोठियई कम होत जाथे ! पहिली तो छत्तीसगढ़ी संग हिंदी चलत रहिस अब तो हिंदी के संग-संग अंगरेजी घलो मिलाके गोठियाथें ! अइसनेच में तो हमर छत्तीसगढ़ी नंदावत हे ! ता एला नंदाय ले बचाये बर ई मोर पहल हे !
मैंय चाहथँव कि हमर भाखा ला पूरा देश-विदेश जानय कि ये छत्तीसगढ़ी भाखा आय ! इखरे बर मोर प्रयास हे कि जेन ला मैंय जानथव, ओला मोर छत्तीसगढ़ के भैया-बहिनी मन घलो जानय काबर कि ज्ञान बांटे ले बढ़ते कम नई होवय ! अऊ हमर फ़र्ज़ घलो होना चाही कि हमर बताये ज्ञान कखरो काम आवय ! का पता के ओला पता रहिस होही कोई बारे में, जेन ला आप बता देव तो ओला पता होगे ! इही ला तो ज्ञान कईथें गा संगवारी, जेन हा इंहा मिल सकथे ! अऊर आप मन ला भी कुछ तो पता चल जाही, जेन हा पता नई रिहिस होही !
इंहा आप अपन संगवारी छत्तीसगढ़िया संग गोठ-बात कर सकथव, कुछु बारे कुछु पूछना होही ता पूछ सकथव, आप चाहो ता आप अपन सुझाव दे सकथव कि ये हमर वेबसाइट म अऊ का-का डालना चाही जेन हा लोगन मन के मन ला भावय. ऊ मन ला निक लागय ! अऊ हां संगवारी हो दुई अर्थी (दू अर्थ वाले) शब्द के उपयोग जादा झन करय करव काबर कि ये जेन शब्द हरय, अपनेच तीर म मजाक बर ठीक रईथे, फेर कखरो मजाक बनाना भी ठीक नई होए न ! त बस होगे अब ये वेबसाईट के मज़ा लव, देखव अऊ देखाव कि कोन मेर का हे !
आस करथँव के ये वेबसाइट म जेन भी सामाग्री हे, ओहर आप मन बर लाभदायक होही, चाहे वो पढ़े-लिखे के रहय, चाहे सोंचे-समझे के रहय, चाहे जाने-पहचाने के रहय ! जो भी मिलही कुछु न कुछु सीखे बर मिलही सिखाये बर मिलही, ज्ञान बढ़ाये बर मिलही ! ज्ञान तो बढ़ही फेर घटय नहीं ! अऊ ये तो आप मन के मरजी हे जी, कि कब कहाँ ले का सिखथव !
सुमत के सूत / छेदूराम चंद्रवंशी
सुमत के सूत
सुमत के सूत मा जुड़े रहव भारत के नर नारी
सहीं बात ला जानलव मन मा करव बिचारी
देखव हमर देश के
इतिहास ला रे भाई
परदेस के मनखे आके
कतक देवेहें करलाई
परलोखिया मन के खातिर
देश हमर बंटागे
हिन्दू अऊ मुसलमान मा परगे दरारी
सहीं बात ला जानलव-------------
फेर रावण कस गोरा मन के
मरे के दिन आगे
बानर भालू के कड़कड़ावत सेना
उनकर लंका के पता पागे
राम बनगिन राम के धरती के बेटा
अंगरेज़ मन ला निकालय दे मारी- दे मारी
सहीं बात ला जानलव-------------
छुआछूत अऊ भेदभाव ला
देश अऊ हिरदे ले निकालो
भाईचारा के सुग्घर दिया मा
सुमत के जोत ला बारव
मया दया हमर देश के गहना
इही हे हमर चिन्हारी
सहीं बात ला जानलव-------------
© छेदूराम चन्द्रवंशी
धरती के गीत / छेदूराम चंद्रवंशी
धरती के गीत
छतीसगढ़ के किसान होथन,
माटी के हम पुजारी !
भारत माँ के रतन बेटा,
गाँव के संगवारी !!
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
धरती दाई के कोरा म सोनहा फसल
उबजाबो उबजाबो रे भाई ...... २
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
नांगर बिला रांपा कुदारी
धरबोन खुमरी कमरा .... हो ......२
डीपरा खांचा ला एक म मिलाबो
मिलके जोहीं हम संघरा ... हो.... २
मिलही सब ला रे संगी मेहनत के फल
बांट खाबो अऊ कमाबो रे भाई .... 2
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
बेरा ऊये के पहिली रे संगी
चल ना रे खेत म जाबो ... हो .... २
देश के दुःख अऊ भूख ल रे भाई
मेहनत म हंखराबो ... हो ... 2
बेरा ऊवथे संगी झटकुन निकल
खेत जाबो अऊ कमाबो रे भाई .... २
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
भुइयाँ के हम ब्रम्हा रे संगी
माटी के भगवान ... हो .... २
कभू हम झगरा नई जानन
रईथन मिलके मितान ... हो ....२
मिलय सब ला बरोबर अन्न अऊ जल
अईसन गाबो अऊ कमाबो रे भाई ... २
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
धरती दाई के कोरा म सोनहा फसल
उबजाबो उबजाबो रे भाई ...... २
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
© छेदूराम चन्द्रवंशी
अषाढ़ आगे / छेदूराम चंद्रवंशी
अषाढ़ आगे
अब अषाढ़ आगे
मेचका मन सबो नरियाथे
जेला सुन करिया बादर आथे
झमाझम पानी बरसाथे
पुरवाही आथे कभू पानी लेके आथे तूफान
बेरा-बदरी मा लुकागे रतिहा लागे दिनमान
धरती सबो हरिया जाही
प्राणी मन के प्यास बुझाही
हवा मा बतरकिरी उड़ाही
सांप बिछी मन मज़ा पाही
गिरे किरा ला मन भर खाही
नदिया-नरवा डबरा-डबरी अब बदहीं मितान
बेरा-बदरी मा लुकागे ------------
खोल-गली मा धार बोहागे
चिखला खेलत लईका मन सनागे
धार छेंकके अपन बर बांध बनाही
बर-पीपर पान के नानकुन पुलिया लगाही
सरी अंग मा चिखला लगे हे नई आवथे पहिचान
बेरा-बदरी मा लुकागे ------------
नंगरिहा नांगर जोतत गीत गावय
बासी धरके गोसानिन खेत जावय
झऊहाँ-रापा संग मा लेगय अऊ लोटा मा पानी
सास-बहू ननन्द-भऊजी देरानी अऊ जेठानी
कमावत हे संगे-संग मा मगन हावे सबो किसान
बेरा-बदरी मा लुकागे ------------
संझाती बेरा मेछर्रा किरा उड़ियाथे
हाथ-गोड़ कभू मुह मा चले जाथे
थोकिन पानी गिरिस तो गाँव मा बिजली गोल
अंधियार होगे घर-दुआर गाँव-गली अऊ खोल
शहर मा बिजली सब दिन रइथे गाँव मा होगे अंधियार
कोन बताही ई बात ला ये सरकार की भगवान
बेरा-बदरी मा लुकागे ------------
© छेदूराम चन्द्रवंशी
अपन किसानी / छेदूराम चंद्रवंशी
अपन किसानी
चलो रे संगी जाबो रे
चलो रे भईया जाबो रे
खेत-खार ला डंटके कमावन
जिनगी भर सुख पाबो रे
खेत-खार बईला-भईंसा संग
कर लेवन चलो मितानी
इही हमर हे सबो के देवता
इही हमर जिनगानी
पसीना पियाबो धरती ला संगी
तभे तो सोना पाबो रे
अषाढ़ महिना रिमझिम पानी
बने देखव खेती-खार गा
सावन पानी धरके आही
बांधव मेढ़-पार गा
नान-नान डोली मा धान के थरहा
चलो मिलजुल जगाबो रे
भादो-कुवांर महिना हमर
निंदई-कोड़ई मा बीत जाही
कातिक-अगहन सोन के दाना
लछमी दाई आही
पूस-माँघ मा धान मिंजाई
मड़ई-मेला मनाबो रे
अईसन सुख ला छोड़के
नई मानन कखरो भड़कानी
छत्तीसगढ़ के हम किसनहा
करबोन अपन किसानी
गाँधी बबा के सुंदर सपना
घरो-घर बगराबो रे
© छेदूराम चन्द्रवंशी
DIALOGUES of mine
DIALOGUES
haan... maanta hoon ki har frnd achcha nahi hota but har frnd bura bhi to nahi hota na..!!
SOORAT TO BADAL CHUKI… SEERAT BADALNA BAAKI HAI…
BAHOT JALD WO BHI BADAL DENGE..!!
TU MERE BAARE ME KITNA KUCHH BHI SOCH LE … CHAHE ACHHA HO YAA BURAA… APNE SE 4 KADAM AAGE HI PAAOGE MUJHE...!!
yaar... log kehte hain ki bhulna badaa mushkil hota hai. par unhe koun bataaye.. ki hame to yaad karna hi badaa mushkil lagta hai..!!
TIME NIKAL KAR HUM UNSE BAAT KARNE AATE HAIN….
AUR WO KEHTE HAIN TIME PASS KARNE HI TO AATE HO.!!
HAME KAHA MALOOM THA KI HAMARI FRIENDSHIP KO TIME PASS KA NAAM DIYA JAAYEGA….. AB TU DEKH TIME PASS FRIENDSHIP HOTI KAISI HAI ?..!!
sharaafat ka faayada lagbhag sab ne uthaaya hai meri jis din mai badmaashi karne me aa gaya na… samjho usi din se badmaashon ka baadshah ban gaya..!!
padhaai me chaahe kitna bhi yaad kar lo bhul jaaoge par pyar me kisi ko kitna bhi bhulne ka pryaas kar lo wo reh-reh ke yaad aate hain..!!
wo kya hai na ki jis pe poora vishwas ho aur unki baaton se lage ki jhooth bol rahe hain yaa kuchh
chhupa rahe hain. to shaq to ho hi jaata hai yaar..!!
kehte hain koshish karne wale ki haar nahi hoti par mai kehta hoon baar baar koshish karne wale
ki har baar haar nahi hoti..!!
मनखे अऊ बिग्यान / छेदूराम चंद्रवंशी
मनखे अऊ बिग्यान
सबो सुनव संगवारी, मनखे के अजब-गजब कहानी
प्रभु बनाये सबो जिनिस ला खेलय, बनगे बड़का बिग्यानी
तईहा के दिन-बादर बईहा लेगे,
हावय नावा जमाना
बईगा भठरी के दिन नंदागे
सबो जगा दिखय डॉक्टर खाना
आदमी अस टीवी रेडियो मोबइल गोठियाथे
मीठ मीठ गुरतुर बानी
सबो सुनव संगवारी--------
बड़े बड़े बम बंदूक बने हे
बड़े बड़े कारखाना
गाड़ी मोटर के जाल बिछ्गे
पल आना पल में जाना
चिरई कस हवा मा उड़ाथे
मछरी कस तौरे पानी
सबो सुनव संगवारी--------
रिस घमण्ड लालच देखमरी
तन मन मा बनालिस ठिकाना
मिसाइल बम कतको जान फूट जाही
नई बांचे कस लागय जमाना
घात लगाये बइठे हावें
कतकोन अत्याचारी अभिमानी
सबो सुनव संगवारी--------
© छेदूराम चन्द्रवंशी
My Thoughts
मेरे
विचार -
(1)
मैं हर एक बात पे कोई बात लिखना नहीं चाहता !
चाहत बस इतनी-सी है कि बातों ही बातों में,
मैं अपनी बात लोगों तक पहुंचा सकूँ ।
(2)
बातें भली ही छोटी हों,
लेकिन उसके पीछे की सोंच... बड़ी होनी चाहिए ।
(3)
कोई सीख देता है तो कोई सीखा देता है । दुनिया की हर एक चीज़ कुछ न कुछ ज़रूर
सिखाती है । ये आपके ऊपर है कि आप क्या सीखते हो ।
(4)
'सोंच' और 'सोंचने
वाला' दोनो ही अच्छे-बुरे हो
सकते हैं ।
(5)
अग़र कहीं लगे कि हमें किसी के सहारे की ज़रूरत नहीं है,
तो हमें ये करना चाहिए...कि हम किसी दूसरे का सहारा बनें ।
(6)
मेरे लिए ये बात मायने नहीं रखती... कि
मैं दूसरों की नज़र में कैसा हूँ... ??
बात...ये मायने रखती है... कि
मैं, अपनी नज़र में कैसा हूँ
!!
(7)
शख्शियत लेने की नहीं, देने
की बनानी चाहिए ।
(8)
कोई कुछ करे या ना करे, कुछ
ना कुछ ज़रूर बन जाता है ।
(9)
सोंचने के लिए तो कोई भी, कभी
भी, कुछ भी सोंच लेता है ।
पर अच्छी सोंच हर किसी के सोंच में नहीं आती ।
(10)
सोंच ऐसी होनी चाहिए, जो
दूसरों को सोंचने पे मज़बूर करे ।
(11)
दूसरों की सोंच से एक नयी सोंच... सोंच लेना । अपने आप में ही एक अच्छी
सोंच है ।
(12)
हमें छोटी छोटी बातों में ज्यादा बातें कहने चाहिए ना कि छोटी छोटी बातों
के लिए ज्यादा बातें ।
(13)
इस दुनिया में...कई लोग ऐसे होते हैं, जो
आपसे बेहतर होते हैं । ...और कई लोग ऐसे होते हैं जिनसे आप बेहतर होते हैं ।
(14)
जब तक आप किसी के बारे में अच्छा नहीं सोंचोगे, तब तक आप भी ये मत सोंचिये कि वो भी आपके
बारे में अच्छा ही सोंचेगा ।
(15)
हर काम अच्छा या बुरा हो सकता है । ये तो कहने वाले की सोंच है, कि किस काम को क्या कहेगा ।
(16)
जलन होनी चाहिये ये ज़रूरी भी है । लेकिन जलन दूसरों के प्रति नहीं, दूसरों के किये अच्छे कार्य के प्रति ।
ताकि आप भी कुछ अच्छा कर सकें ।
(17)
I think अच्छा
होना अच्छी बात है और बुरा होना बुरी । पर कभी कभी ये भी लगता है कि अच्छा होना
बुरी बात है और बुरा होना अच्छी ।
(18)
जब तक आप अपना Talent दूसरों
को दिखाओगे नहीं, तब
तक कोई भी आपको Talented समझेगा
ही नहीं ।
(19)
दोस्त तो दोस्त होते है चाहे अच्छे हों या बुरे । ये तो अपनी सोंच पर
निर्भर करता है, कि
वह दोस्त कैसा है ?
(20)
इंसान धन से धनवान हो या ना हो, किन्तु
मन से धनवान होना चाहिए ।
(21)
लोग success पाने
के लिए success story पढ़ते
हैं, failure story नहीं
। जबकि आपको चाहिए कि आप दोनों पढें ।
(22)
वास्तविकता (Reality) हर
किसी को अच्छी नहीं लगती ।
हाँ.. कल्पना (imagination) सबको
अच्छी लग सकती है ।
(23)
मुस्कानें...झूठी हो या सच्ची हमेशा अच्छी लगती हैं….
उनके चेहरे पर, जो
हमें अच्छे लगते हैं ।
(24)
अगर हम कुछ कहते हैं किसी बारे में,
तो वही बात हम हर परिस्थिति और समय में नहीं कह सकते ।
(25)
कितनों को आप follow करोगे..? कुछ ऐसा करो कि लोग आपको follow करें ।
(26)
मरने के लिए तो कई बहाने मिल जाएंगे,
अच्छा ये हो कि ज़िन्दगी जीने के बहाने ढूंढे जायें ।
(27)
अगर कोई व्यक्ति आपके expectations के
according कुछ
करे, तो आप ख़ुश हो जाते हो
।
(28)
हम
कभी-कभी अपने आप को बहुत ज्यादा ही अकेला और तन्हा महसूस करते हैं ।
जबकि सोंचे तो हम कभी भी अकेले नहीं होते, कोई
ना कोई हमारे साथ होता ही है हमेशा ।
(29)
दूसरे का गुस्सा किसी तीसरे पे निकालना अच्छी बात नहीं ।
(30)
अगर मैं किसी को पढ़ने लिखने के लिये सलाह दूँ, और वो कहे की इनमें से कोई एक बताओ । तो
मैं कहूँगा कि तुम पढ़ लो । क्योंकि लिखने से लिखावट सुधरेगी और पढ़ने से विचार
बदलेंगे ।
(31)
हमें दूसरों की गलतियाँ देखने से पहले स्वयं की गलतियाँ देखनी चाहिऐ , कि हमनें कब, कहाँ
और क्या गलती की या कर रहे हैं ।
(32)
दर्द पे काबू पाने के ये तरीके हो सकते हैं - या तो दर्द को भूल जाओ या
दर्द देने वाले को ।
(33)
I think अच्छा
होना अच्छी बात है और बुरा होना बुरी । पर कभी कभी ये भी लगता है कि अच्छा होना
बुरी बात है और बुरा होना अच्छी ।
(34)
Doubts and Confusion ऐसे
दो शब्द हैं, जो किसी भी रिश्ते में
दरार डालने के लिए काफ़ी हैं । इन्हें जितनी जल्दी हो सके clear कर लेनी चाहिए ।
(35)
अपनी लाचारी पे दुख तो होता ही है, पर
दुख बहुत ज्यादा तब हो जाता है जब अपनी लाचारी पे लोग ताना कसते हैं ।
(36)
अगर आप चाहते हैं कि आप successful person बनें, तो आपको चाहिए कि आप स्वयं पर ध्यान दें ।
ये ना देखें कि कौन क्या कर रहा है ? ये
देखें कि मैं (स्वयं) क्या कर रहा हूँ successful
person बनने के लिए ।
(37)
उम्मीद की वो बेबाक़ किरणें.. जो मन को ऊर्जा से प्रकाशित कर देते हैं, हमें उन्हें ढूँढने चाहिए !
जो छुपे हैं... हमारे अन्दर ही कहीं ।
(38)
हमें कभी-कभी खुद का भी मज़ाक लेना चाहिए, इससे
पहले की दूसरे आपका मज़ाक बना दें !
(39)
Self Discipline
कमाल
होती है।
Discipline
दूसरे कराना चाहे तो मज़बूरी लगती है,
अगर हम खुद के लिए करें तो एक जुनून सा लगता है ।
(40)
सभी प्रशंसा चाहते हैं, सम्मान
चाहते हैं ।
कोई ये नहीं चाहता कि उनकी आलोचना हो, अपमान
हो । और ये सब उनके किये कार्य के अनुरूप ही मिलते हैं ।
(41)
गलती करने वाले ज्यादा डरते हैं...गलती ना करने वाले कम डरते हैं...
और जो गलती करके मान भी ले....
वो तो डरते ही नहीं हैं भाई
मेरे !
(42)
"चाहत
कभी खत्म नहीं होती, बस
रूप बदलती रहती है ।"
(43)
ये बात मायने नहीं रखती कि आप कितनों को जानते हैं ?
बल्कि ये बात मायने रखती है कि
आपको कितने जानते हैं ?
(44)
"Feelings" बदलते
देर नहीं लगती ।
और इस changes को
trigger करता
है, हमारी thinking.
(45)
समझदार बनो - सिर्फ
समझने के लिए नहीं...
समझाने के लिए भी !
(46)
अग़र किसी को ग़म है,
तो वो हर किसी को नहीं कहता कि उसे ग़म है ।
लेकिन जब वह खुश है,
तो वह सारे शहर में ढिंढोरा पीटेगा, कि वह खुश क्यों है ?!!
(47)
खामोशियाँ... अक्सर
ही कुछ कहती हैं !
(48)
"नज़र बदलने की ज़रूरत नहीं
है...
सिर्फ़ नज़रिया बदलो यारों !!"
(49)
ज़िन्दगी के कांटे चुभते ही रहते हैं, निकालना
सीखिये..!!
क्योंकि...फूलों से ज्यादा काँटे, मिलते
ही रहते हैं ज़िन्दगी
में..!!
(50)
कभी
किसी के लिए, बुरा हूँ, कभी किसी के लिए अच्छा हूँ ।
दुनिया वाले कुछ भी सोंचे, मैं
अपने-आप में सच्चा हूँ ।
(51)
जब
तक आप किसी के Feelings से Connect नहीं होते,
तब तक आप कभी Experience नहीं कर पायेंगे
कि सामने वाले की
Feelings क्या हैं ?
(52)
हर किसी के लिए एक
जैसी feelings नहीं
हो सकती,
और ना ही, हर
feelings के
लिए एक ही व्यक्ति ।
(53)
पता नहीं ऐसा क्यूँ होता है...?
बस
बोल दो कि तुम पागल हो…. फिर
देखो
वो पागल हो या ना हो, पागलपन
ज़रूर दिखायेगा ।
(54)
कुछ
लोग तो ऐसे होते हैं -
'भले ही उन्हें कुछ
करना ना आये,
लेकिन वो ऐसे जताएंगे, जैसे
सब जानते हैं ।'
(55)
इतना तो अच्छे से समझ आ गया है मुझे,
अग़र मैं...उससे बहुत कम हूँ,
तो उसकी नज़रों में मैं कुछ भी नहीं ।
अग़र मैं...उससे बहुत ज्यादा हूँ,
तो उसकी नज़रों में मेरी
इज़्ज़त बढ़ जाती है ।
(56)
मैं
शायर तो था ही, पर मेरे पास... कोई शायरी ना थी ।
फिर........तुम आयी मेरी जिंदगी
में..!!
(57)
गलती
मोर निकल जाये, अइसन मैंय करंव नहीं ।
गलती जब नई हे मोर, तो
कखरो बाप ले डरंव नहीं ।।
(58)
मछरी
बहुते झोलाय हे, अऊ
झोल मत,
तोला जतिक नई हे पता, तो
जादा बोल मत ।
(59)
भैंसा
कस मोला हुमेल दिस,
पनबुड़ी चिरई कस चिभोर दिस ।
का बिगाड़े रेहेंव भगवान के, मे
नई जानों
जेन माड़ी भर पानी ते नदिया म,
मुड़ भरसा मोला ढकेल दिस ।
(60)
मुझे
यक़ीन है,
एक दिन मेरे विचार,
किसी को प्रेरित करेंगे ।
कविताएँ, चुटकुले, संवाद,
या हो कोई बेहतरीन शायरियाँ,
एक से दो, दो
से चार संप्रेषित करेंगे ।
😎😎😎
मोला लागथे कि अइसन होही,
मोर लिखे धनिया रूपी रचना ला,
कोनो अऊ बोही ।
😂😜😂
- नवनीत चन्द्रवंशी 'नव'